gubbar
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आज हंसने से क्या फायदा, कल हमें फिर से रोना है.
क्यों करे एतबार मौसम का,कल पतझर तो होना है !!
ज़िन्दगी इम्तिहान ले रही, जाने क्या होना है ,
हो न जाऊ मै नाउम्मीद, इस बात का रोना है !!
राज जो छिपा है दिल मै ,किस- किस से कहना है ,
गर ज़ुबां पर ले आऊ,सब-कुछ फिर तो खोना है !!
आंधी ये कैसी आंगन मेरे, अब सभी को देखना है,
हर तरफ है धुंध छायी, छिपने को एक कोना है !!
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