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…..महफ़िल में लकिन हम न होंगे !!!!!!

gubbar
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ग़ज़ल के बादशाह मेहँदी हसन का लम्बी बीमारी के बाद आज निधन हो गया . यह सुन कर बड़ा ही दुःख हुआ है . मेहदी हसन को पूरी दुनिया में उनकी शानदार ग़ज़ल गायिकी के लिए हमेशा याद किया जाता रहेगा . वह वाकई में गजलों के बादशाह हैं उनकी जगह कोई नहीं ले पायेगा .वास्तव में ग़ज़ल गायिकी का एक युग समाप्त हो गया .
मेहंदी हसन को भारतवर्ष में भी खूब पसंद किया जाता है . भारत में गजल गायक व् गजलों के सुनाने वाले प्रेमी लोग मेहंदी हसन की गजलों को खूब शोक से गाया करते हैं . भारत में उनके चाहने वालों की बहुत बड़ी संख्या है . उन्होंने भारतीय फिल्मों के लिए भी गजलें गायीं है जिनको बहुत पसंद किया गया है . सवयं जगजीत सिंह श्रेस्ठ भारतीय ग़ज़ल गायक ने मेहंदी हसन को गजलों के बादशाह से भी ऊपर का दर्ज़ा उन्हें दिया है तथा वह सवयं उनकी गायकी के कायल थे . मेहंदी हसन की जगह कोई नहीं ले सकता . वह अपना इलाज करने भारत आने वाले थे परन्तु इससे पहले ही वह हम सब की महफ़िल को छोड़ कर चले गए . उनकी गायी गईं शानदार गजले तथा ग़ज़लों की बंदिशे हमेशा उनको हमारे बीच रहने का अहसास कराती रहेंगी .
में इस महान ग़ज़ल सम्राट को बड़े अदब के साथ अपनी स्रगधांजलि अपने इस ब्लॉग के माध्यम से देता हूँ उनकी गाई ग़ज़ल की इन लाइनों के साथ मेरी उनको अश्रुपूर्ण व् भावभीनी सरधांजलि…………

मोहब्बत करने वाले कम ना होंगे …………..
तेरी मेह्ह्फिल में लकिन हम ना होंगे …………

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